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हेलो दोस्तों कैसे हैं आप सभी मैं आशा करता हूं। आप ठीक होंगे और मैं दुआ करता हूं। दोस्तों आप हमेशा हंसते रहें, मुस्कुराते रहें।दोस्तों में एक लड़की को कभी नहीं भूल पाता हूं। यह दिल्ली में जब मैं रहता था तब की बात है जब मैं काफी छोटा था।दोस्तों वह बहुत खूबसूरत और दिल की बड़ी अच्छी लड़की थी।मैं यह सोचता हूं। वह कहां होगी और कैसे होगी दोस्तों एक बार में कटिंग पतंग के पीछे भागा और वह भी मेरे पीछे भागी जब मैं दीवार पर चढ़ा पतंग लूटने के लिए तो मैं उसके ऊपर ही गिर गया।दोस्तों जब मैं उसके ऊपर गिरा तो वह शरमा गई थी।दोस्तों लड़की तो पट गई थी पर मैं थोड़ा नादान था।क्योंकि वह मेरे से बड़ी थी और मैं काफी छोटा था।
और इसीलिए दोस्तों मैं उसकी दिल की फीलिंग नहीं समझ पाता था।लेकिन उसके दिल में मेरे लिए कहीं ना कहीं प्यार जरूर था।और दोस्तों मेरी नादागी की ऐसी थी कि जो मैं उसे समझ नहीं पाता था।दोस्तों प्यार तो अंधा होता है। कब किससे हो जाए किसको पता मेरे दिल में फीलिंग नहीं थी मगर उसके दिल में फीलिंग थी। यह मुझे आज एहसास होता है।मेरी नादानगी ने उसके प्यार को नहीं समझा शायद मैं भी कितना भोला था उस टाइम की मैं उसके दिल की फीलिंग को नहीं समझ पाता था। काश मैं भी उसके जैसा बड़ा होता उस टाइम तो शायद उसके दिल की फीलिंग को समझ पाता क्या दिन थे वह भी बीते हुए कल काश वापस आ जाते हैं बीते हुए कल ऐसे गुजर जाते हैं जैसे कि एक ख्वाब था।मगर वह अजनबी लड़की मेरे लिए एक ख्वाब जैसी थी । आंखें खुली और गायब हो गई।काश ऐसी मशीन होती दोस्तों बीते हुए कल में जाकर अपनों से मिल आते तो कितना अच्छा होता मैं तो रोज एक दिन छोड़कर बीते हुए कल मैं जाता और खूब मजे लेता। अपनों से मिलता बातें करता फिर वापस आ जाता।मगर ऐसा होता दोस्तों तो कितना मजा आता ना जो हमसे ख्वाबों में मिलते कभी-कभी हम उन्हें बीते हुए कल में जाकर मिलते, वह भी फेस टू फेस।मगर ऐसा कहां होने वाला है दोस्तों बीता हुआ कल तो हमारे लिए एक ख्वाब जैसा ही है।जिन्हें हम बस याद कर सकते हैं और कुछ नहीं।माना यह जिंदगी है, मगर इतनी रफ्तार जरूरी है क्या कब बचपन और बचपन से जवानी और जवानी से बुढ़ापा आ जाता है, पता ही नहीं चलता काश जिंदगी की गाड़ी थोड़े धीरे धीरे चलती।
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Thank you very much friends for reading my story!