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कहते हैं जहां जिस की रोजी-रोटी लिखी रहती है उसे वही मिलती है चाहे वो कीतना ही भाग ले आखिर में लौटकर वह उसी जगह आता है दोस्तों फिर मैं उसी जगह पर आ गया जहां से मेरा काम छूट गया वहां दूसरी जगह मैंने एक हफ्ते काम किया और फिर वापस फिर से अपने पुराने ठिकाने पर आ गया हूं पिछले महीने दोस्तों जो मुझे सैलरी मिली थी मैंने ₹3000 एडवांस ले रखा था और जिसकी वजह से मेरे पास पैसे नहीं बचे थे और इसी के कारण मैं थोड़ा बेचैन सा हो गया और गुस्से में मैंने तय कर लिया था कि मुझे अब यहां पर नौकरी नहीं करनी एक रीजन और भी था जो मेरा सुपरवाइजर है वह बेवड़ा एक नंबर का ठरकी है यह बातें मेरे दिमाग में चल रही थी और मैंने ना ताव देखा ना कुछ बस और मैंने नौकरी छोड़ दी मैं बेचैन इसलिए हो उठता हूं की जिंदगी मुझे मौका नहीं दे रही हैं कुछ बनने के लिए और आज जिन हालातों से मैं गुजर रहा हूं मैंने कभी कल्पना भी नहीं किया कि कभी मेरे कंधों पर इतनी जिम्मेदारी एक ही बार आ पड़ेगी बस इसीलिए मैं थोड़ा बेचैन हो जाता हूं कल मेरे छोटे भाई से भी बात होई और उसने मुझे अपने ख्वाबों के बारे में बताया कि वो जिंदगी में क्या करना चाहता है उसके भी सपने बड़े हैं मेरी तरह मुझसे बोला भैया मैं बॉडी बिल्डर बनना चाहता हूं और मैं भी बॉडीबिल्डर में हिस्सा लेना चाहता हूं पर वह भी तकदीर के आगे मजबूर है जैसे मैं हूं मैंने बोला किस्मत के आगे जोर किसका चलता है काश हमारा भी कोई बैक सपोर्ट होता तो शायद हम कुछ अलग कर सकते थे मगर हम कर भी क्या सकते हैं यह सब बातें मैंने अपने छोटे भाई से कहा और दोस्तो मेरे भाई ने क्या कहा मेरे भाई ने कहा जिंदगी यूं ही निकल रही है पर उम्मीद की कोई दूर-दूर तक रोशनी नहीं दिखाई दे रही है मैंने कहा अपने छोटे भाई से खुदा के घर में देर है अंधेर नहीं हमारा भी वक्त आएगा बस सब्र बनाए रखो ऊपरवाला एक दिन हमारी भी जरूर सुनेगा बस इतनी ही बात हुई और फोन मैंने काट दिया दोस्तों और क्या कहूं बस एक उम्मीद लिए जी रहा हू देखते हैं ऊपर वाला भी कब सुनता है हमारी दुआओं में याद रखना दोस्त धन्यवाद मेरे दोस्तो
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Thank you very much friends for reading my story!