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कल तक मैं 10 हजार की नौकरी करता था जिम्मेदारियां उससे कम थी मगर आज जब मैं 17000 हजार की नौकरी कर रहा हूं इस नौकरी से कई दुगना मुझपे जिम्मेदारियां है दोस्तों आज मुझे सच में यह एहसास होता है की जिम्मेदारी इंसान की सबसे बड़ी कमजोरी है वह इसलिए चाह कर भी उस काम से पीछे भागता है इंसान जो वह जिंदगी में करना चाहता है इसलिए क्योंकि उसके पैरों में मजबूरियों का जंजीर पड़ा हुआ होता है क्योंकि घर घरस्ती में इतना उलझ जाता है की अपने मन का काम वह कुछ कर ही नहीं पाता और अपने मन को मार कर रह जाता है दोस्तों मैंने कभी कल्पना भी नहीं किया था की जिम्मेदारियां मुझ पर इतनी आ टूट पड़ेंगी ये जिम्मेदारी मेरे लिए किसी चुनौती से कम नहीं है आज मुझे आंद्र प्रदेश से आए हुए 12 दिन हो चुके है और मेरा एक एक दिन जो गुजर है मेरे लिए बहुत बड़ी जिम्मेदारी को याद दिला रहा है मुझे मेरी तबीयत भी इतनी खराब हो गई थी जब आंद्र प्रदेश से जब में आया था 4 दिन तो मै इतना सोया हूं कि मुझे कुछ पता नहीं कि घर कौन आ रहा है और कौन जा रहा है और जिस मालिक के पास मै काम कर रहा था उस मालिक के पास मैंने फोन कर के 1000 हजार रुपए की मैंने उससे मदद मांगी तो उसने मुझे पैसे ना देने का बहाना बना दिया दोस्तों आज मेरे कंधे पर दो घर कि जिम्मेदारिया है और ये मेरे लिए किसी चुनौती से कम नहीं हैं दोस्तों इसलिए मैं चाह कर भी किसी चीज में पैसा इन्वेस्ट नहीं कर पाता हूं कि शायद वह पैसे कहीं डूब ना जाए दोस्तों मेरे जिंदगी का बस यही सपना है एक बार मैं जिंदगी में रिक्स लेना चाहता हूं शायद हो सकता है कि यह रिक्स मुझे इन जिम्मेदारियों से छुटकारा दीला दे और मैं आने वाले समय में अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा सकूं धन्यवाद दोस्तों NEXTONE बीमारी तो ज़िन्दगी का साथी है
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Thank you very much friends for reading my story!