- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
आज एक बात जानना चाहता हु आप सभी से कि आखिर लोग अपनी जान क्यू देते है जिस इंसान के पास एक अच्छा घर है बैंक बैलेंस है तो फिर वो लोग अपनी जान क्यू देते है दोस्तो 2 दिन पहले की बात है एक मेरे पड़ोसी जो की पैसे कमाने के लिए बिहार से हरियाणा आए थे और उनकी नौकरी भी एक अच्छी पोस्ट पे थी उन अंकल के पास 12 लाख की गाड़ी भी थी और उनके उनके परिवार में तीन ही लोग थे एक लड़की है 12 साल की और मियां बीवी और यह भी नहीं समझ में आता आखिर उन्होंने अपनी जान क्यों दी दोस्तों 2 दिन पहले की बात है रात के 9:30 बजे की बात है खाना खाकर सभी लोग उनके परिवार में टहलने के लिए खाना खाकर नीचे उनकी बीवी और उनकी बेटी दोनों घूम रहे थे घूमते घूमते 10 मिनट हो चुके थे उनकी लड़की और उनकी बीवी को उनकी बीवी ने अपनी बेटी से बोला अपने पापा को बुलाओ वह भी घूम लेंगे खाना खाने के बाद थोड़ा घूमना चाहिए 10 मिनट के बाद फिर जब उनकी बेटी ने अपने पापा को आवाज दी कि आप भी आ जाइए घूमने के लिए तो अंकल ने बोला ठीक है मैं अभी आता हूं बस इतनी बात करके अंकल ने पंखे में फांसी लगाकर अपनी जान दे दी और बाद में जब उनके फैमिली देखते है की नीचे नहीं आए तो फिर कमरे की ओर जाते हैं और देखते हैं की फांसी लगा के अपनी जान दे दी दोस्तों मैं भी तो जिंदगी से संघर्ष कर रहा हूं मेरे पास तो कुछ भी नहीं है एक अच्छी नौकरी भी नहीं है मगर दिल में ऐसा ख्याल नहीं आता कि मैं अपनी जान दे दूंगा हां एक वह बात अलग है कि कभी-कभी मैं सोचता हूं जहर खालू और अपनी जान दे दु मगर नहीं जिंदगी भगवान का दिया हुआ एक अनमोल तोहफा है बस यही जिंदगी है जब तक कोशिश करता रहूंगा जब तक जिंदा हूं भगवान अगर मुझ पर किसी दिन तरस खाया तो शायद मेरी भी बिगड़ी किस्मत बना दे दोस्तों दुआओं में याद करना धन्यवाद मेरे दोस्तों NEXTONE सबर का फल मीठा होता है
- लिंक पाएं
- X
- ईमेल
- दूसरे ऐप
टिप्पणियाँ
एक टिप्पणी भेजें
Thank you very much friends for reading my story!