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गुड मॉर्निंग दोस्तों कैसे आप सभी मैं उम्मीद करता हूं आज की सुबह आप लोगों के लिए जिंदगी में नया सवेरा लेकर आए क्या कहूं दोस्तों जब एक इंसान के कंधों पर दोदो जिम्मेदारियो का बोझ रहता है ना तो उसको मालूम है कि उसके ऊपर क्या बीत रही है और वह क्या महसूस करता है दोस्तों आज मेरे ऊपर दो परिवारों का भोज है और मेरा फर्ज यह है कि मैं अपनी जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से निभा सकूं मगर अफसोस है मुझे अपने आप पे और करता हूं की मैं अपनी जिम्मेदारियों ढंग से नहीं निभाने में असफल हू क्या करूं दोस्तों मैं एक छोटा सा मामूली वर्कर हूं और मेरी सैलरी इतनी नहीं है कि मैं अपनी जिम्मेदारियों को अच्छे से निभा सकु दिल में बेचैनी रहती है क्योंकि ना इस जिंदगी से ना उम्मीदें मेरी ना टूटती जा रही है और मुझे मालूम है मैं किस तरीके से अपनी जिंदगी को काट रहा हूं दोस्तों मेरी महीने की तनख्वाह 18000 हजार है अब इनमें से मैं क्या-क्या कर पाऊंगा क्या अपने लिए बचा लूंगा और क्या घर पर भेजूंगा और क्या मैं अपनी जरूरतों को पूरा कर पाऊंगा इस छोटी सी तनख्वाह से ढंग से कुछ चंद जरूरतें भी पूरी नहीं हो पा रही है दिल में बहुत तकलीफ होती है क्योंकि दोस्तों मैं भी कुछ बड़ा करना चाहता हूं मैं भी क्या कहूं अपनी ज़िंदगी गमों से भरी है
अपनी जिंदगी को खुल कर जीना चाहता हूं बस यही फरियाद दोस्तों भगवान से भी करता रहता हूं दोस्तों मैंने अपनी छोटी सी जिंदगी में ऐसे ऐसे हालातों से गुजरा हूं
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Thank you very much friends for reading my story!